मापन तथा मात्रक

भौतिक राशि

ऐसी राशियां जिनका प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से मापन किया जाता है, भौतिक राशियां कहलाती हैं।

उदाहरण – द्रव्यमान, लंबाई, समय, ताप, वेग आदि।

मापन

किसी भौतिक राशि के उसके मानक मात्रक से तुलना को मापन कहते हैं।

मूल राशियां

वह भौतिक राशियां जो पूर्णतया स्वतंत्र होती हैं तथा जिन्हें परस्पर एक दूसरे में परिवर्तित ना किया जा सकता हो, मूल राशियां कहलाते हैं।

मूल राशियों के मात्रको को मूल मात्रक कहते हैं।

मूल राशियों की संख्या 7 है ।

मापन

व्युत्पन्न राशियां तथा व्युत्पन्न मात्रक

वह भौतिक राशियां जिन्हें मूल राशियों की सहायता से प्राप्त किया जाता है। व्युत्पन्न राशियां कहलाती हैं। व्युत्पन्न राशियों के मात्रको को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं।

मापन की विभिन्न पद्धतियां

SI पद्धति

इस पद्धति में 7 मूल मात्रक तथा दो पूरक मात्रक होते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माप तौल एवं व्यापार में इसी पद्धति का प्रयोग किया जाता है।

रेडियन

यह समतलीय कोण का मात्रक है 1 रेडियन वह कौन है जो किसी व्रत में वृत्त की त्रिज्या के बराबर लंबाई के चाप द्वारा वृत्त के केंद्र पर अंतरित किया जाता है।

स्टेरेडियन

यह घन कोण का मात्रक है एक स्टेरेडियन वह घन कोण है जो किसी गोले में गोले की त्रिज्या के वर्ग के बराबर क्षेत्रफल वाला गोले के पृष्ठ का भाग गोले के केंद्र पर अंतरित करता है।

बड़ी दूरियों का मापन

लंबन विधि

शिक्षण बिंदु के परिवर्तन होने पर किसी वस्तु की पृष्ठभूमि के सापेक्ष स्थिति में परिवर्तन लंबन कहलाता है।

दोनों प्रेक्षण बिंदुओं के बीच की दूरी को आधारक कहते हैं पृथ्वी से अत्यधिक दूरी D पर स्थित किसी ग्रह S की दूरी ज्ञात करने के लिए पृथ्वी पर स्थित दो भिन्न-भिन्न बिंदुओं A व B से एक ही समय पर ग्रह को देखते हैं तब उन बिंदुओं के द्वारा ग्रह पर अंतरित कोण लंबन कौन कहलाते हैं।

लेजर विधि

लेजर अत्यधिक तीव्रता वाला एक एकवर्णी प्रकाश है यह बिना प्रसार के सरल रेखा में बहुत लंबी दूरी तय कर सकता है यह विधि भी प्रतिध्वनि के सिद्धांत पर कार्य करती है।

सोनार विधि

यह विधि भी प्रतिध्वनि के सिद्धांत पर आधारित है इस विधि में पराश्रव्य तरंगों का उपयोग जल में गहराई पर स्थित वस्तुओं जैसे पनडुब्बी बर्फ की चट्टान पुराने डूबे हुए जहाज आदि की सतह से दूरी ज्ञात करने में किया जाता है।

विधि-

किसी जहाज से जल में पराश्रव्य तरंगों को प्रेषित किया जाता है जब इन तरंगों के मार्ग में कोई पनडुब्बी बर्फ की चट्टान जैसी बाधा आती है तो यह तरंगे उससे टकराकर परिवर्तित हो जाती हैं जब यह परावर्तित तरंगे जहाज पर लगे अभी ग्राही पर पहुंचती है तो इन तरंगों का समय नोट कर लिया जाता है अतः-

2S = v*t

द्रव्यमान का मापन

द्रव्यमान पदार्थ का एक आधारभूत गुण है किसी पदार्थ का द्रव्यमान उसमें उपस्थित पदार्थ की मात्रा के बराबर होता है। किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके मापन की विधि के अनुसार दो प्रकार का होता है।

  1. जड़त्वीय द्रव्यमान
  2. गुरुत्वीय द्रव्यमान

जड़त्वीय द्रव्यमान

किसी वस्तु पर लगाए गए कुल बाह्य बल तथा उसके कारण वस्तु में उत्पन्न त्वरण का अनुपात वस्तु का जड़त्वीय द्रव्यमान कहलाता है।

यदि किसी वस्तु पर कार्यरत कुल बाह्य बल F के कारण उसमें उत्पन्न उत्तरण a हो तो उसमें जड़त्वीय द्रव्यमान

M = F/a

गुरुत्वीय द्रव्यमान

यदि किसी वस्तु पर कार्यरत पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल F तथा वस्तु में उत्पन्न गुरुत्वीय त्वरण g  के अनुपात को गुरुत्वीय द्रव्यमान कहते हैं।

M=F/g

परमाणु द्रव्यमान मात्रक

एक परमाणु द्रव्यमान मात्रक कार्बन परमाणु द्रव्यमान के 1/12वें भाग के बराबर होता है।

समय का मापन

समानता समय के मापन के लिए हम घड़ी का उपयोग करते हैं साधारण घड़ी के द्वारा हम समय को न्यूनतम 1 सेकंड तक मापा जा सकता है परंतु 1 सेकेंड से कम समय के लिए हम अन्य उपकरणों का उपयोग करते हैं।

सौर घड़ी

सौर घड़ी सूर्य के परित: पृथ्वी के नियमित परिक्रमण पर आधारित है परीक्षणों से ज्ञात होता है कि पृथ्वी का अपने अक्ष के परित घूर्णन काल दिन से दिन तथा वर्ष से वर्ष सूक्ष्मत: परिवर्तित हो जाता है।

रेडियोएक्टिव डेटिंग

इस विधि का प्रयोग लंबे समय अंतराल के मापन में किया जाता है जीवाश्म की आयु ज्ञात करने के लिए कार्बन डेटिंग तथा चट्टानों पृथ्वी आदि की आयु ज्ञात करने के लिए यूरेनियम डेटिंग का प्रयोग करते हैं।

परमाणु घड़ी

परमाणु घड़ी का कार्य सिद्धांत सीजीएम परमाणु में उत्पन्न कंपनी पर आधारित है इन घड़ियों के यथार्थ के पावर 13 सेकंड में 1 सेकंड है यह घड़ियां 1 वर्ष में 3 माइक्रो सेकंड से ज्यादा इधर-उधर नहीं होती हैं।

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