Indian Rail Transport

रेल परिवहन (Rail Transport)

भारत में रेलवे (Rail Transport) का प्रारंभ 1853 ई0 मैं हुआ | जो मुंबई से थाने के बीच 34 किलोमीटर पहली रेलगाड़ी चलाई गई | प्रारंभ में भारतीय रेलवे का विकास अंग्रेजों द्वारा इस रूप में किया गया, ताकि कच्चे माल को निर्यात हेतु कोलकाता, मुंबई, चेन्नई जैसे बंदरगाह नगरों तक पहुंचाया जा सके |

स्वतंत्रता के बाद रेल मार्गों के विकास पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया क्योंकि यह (Rail Transport) परिवहन का सस्ता, तीव्रगामी एवं सुरक्षित साधन है | भारत में रेलवे का प्रबंधन भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अधीन बोर्ड द्वारा किया जाता है प्रबंधन की सुविधा की दृष्टि से भारतीय रेलवे को 17 जोनों में बांटा गया है।

जोन मुख्यालय
उत्तरी रेलवे नई दिल्ली
पश्चिमी रेलवे चर्चगेट, मुंबई
दक्षिण मध्य सिकंदराबाद
दक्षिण पूर्व कोलकाता
मध्य रेलवे मुंबई, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल
दक्षिण रेलवे चेन्नई
उत्तर पूर्वी गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
पूर्वी रेलवे कोलकाता
उत्तर पूर्वी सीमांत रेलवे मालीगांव, गुवाहाटी
पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर, बिहार
उत्तर पश्चिमी रेलवेजयपुर
पूर्वी तटवर्ती रेलवे भुवनेश्वर
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज (इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश)
दक्षिण पश्चिम रेलवे हुबली (धारावाड, कर्नाटक)
पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर (मध्य प्रदेश)
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
कोलकाता मेट्रो कोलकाता
List of Railways head quaters
Rail Transport
भारत के प्रमुख रेलमार्ग

देश में रेल मार्गों की सर्वाधिक लंबाई उत्तर जोन (11040 km) के अंतर्गत है इसके बाद अवरोही क्रम में पश्चिमी जोन (10295 km), दक्षिण पूर्वी जोन (7420 km), मध्य जोन (7265 km) तथा दक्षिण मध्य जोन (7217 km) का स्थान आता है |

भारत के उत्तरी समतल मैदान में रेल मार्गों का सर्वाधिक घनत्व है | राज्यवार देखें तो पंजाब में रेल घनत्व सर्वाधिक है इसके बाद क्रम से पश्चिम बंगाल हरियाणा बिहार एवं उत्तर प्रदेश का स्थान है |

भारत के कुल रेल मार्ग के 28% का विद्युतीकरण हो चुका है |

कोंकण रेलवे

कोंकण रेलवे परियोजना के तहत रोहा महाराष्ट्र से मंगलौर कर्नाटक के बीच 760 किलोमीटर लंबी रेल मार्ग का निर्माण किया गया है | इस रेलमार्ग में 92 सुरंग 179 बड़े पुल एवं 56 रेलवे स्टेशन है |

इस रेलमार्ग के तहत रत्नागिरी के नजदीक कार घोड़े में 6.5 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है | जो एशिया की सबसे लंबी रेल सुरंग है |

कोंकण रेल महाराष्ट्र गोवा एवं कर्नाटक राज्यों से होकर गुजरती है | यद्यपि इसका लाभ केरल को भी मिलता है।

कश्मीर घाटी में रेल

जम्मू कश्मीर के विकास के लिए उधमपुर से बारामुला के बीच रेल लाइन बिछाई जा रही है | शुरुआत में अनंतनाग से बड़गांव तक ट्रेन चलाने की योजना थी बाद में काजीगुंड से बारामुला तक इसे विस्तारित किया गया |

इस परियोजना के तहत पीरपंजाल श्रेणी को काटकर 11 किलोमीटर लंबी रेल सुरंग बनाई जा रही है।

राष्ट्रीय रेल विकास योजना ( National Rail Transport Vikas Yojana)

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परियोजनाओं को निर्धारित अवधि के भीतर पूरा करने की दृष्टि से, रेलवे के विकास के लिए एक गैर-बजटीय निवेश पहल शुरू की गई है। इस योजना के तहत रेलवे नेटवर्क के महत्वपूर्ण वर्गों में सभी क्षमता बाधाओं को दूर किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश। इन परियोजनाओं में शामिल होंगे:

  1. अधिक लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस और मालगाड़ियों को 100 किमी प्रति घंटे की उच्च गति से चलाने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज को मजबूत करना।
  2. बंदरगाहों से रेल संपर्क को मजबूत करना और भीतरी इलाकों में मल्टी-मोडल कॉरिडोर का विकास।
  3. चार मेगा पुलों का निर्माण – दो गंगा नदी पर, एक ब्रह्मपुत्र नदी पर और एक कोसी नदी पर।
  4. उन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करना जो पूरा होने के करीब हैं और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं।

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